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'गुमनाम' कलम से ... (2).png

"लो...देखते ही देखते" 

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लो देखते ही देखते जाने किधर गये,

मेरे आशियां के सारे तिनके बिखर गये ।

निखरेगी अब तो सोचा था ज़िंदगानी लेकिन,

अब के भी दिन बहार के यूँ ही गुज़र गये ।।

दिल तो उन्हें दिखाता, सीने को चाक कर के,

वो देखने को लेकिन, खुद ही मुकर गये।

अपना बना के देखा उन्हें है बार बार,

चकमा दिखा के जो हैं गैरों के दर गये ।।

फिर दिल में याद उनकी क्योंकर कसक रही है, 

जब ज़ख्में जिगर हमारे कब के हैं भर गये।

दुनिया को सब ख़बर है अब दिल ना छोड़ना,

अनीस कया कहेंगे आखिर में डर गये।।

ऐ ज़िन्दगी बता अब रखा ही तुझमें कया है,

गुमनाम के बिना हम ज़िंदा ही मर गये ।।

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